विजय सिन्हा,
देवघरः पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रेस वार्ता का आयोजन पुलिस अधीक्षक कार्यालय में किया गया। प्रेस वार्ता के दौरान मीडिया बंधुओं से बात करते हुए पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि देवघर पुलिस को एक और अच्छी सफलता मिली है।
इसके अलावे उन्होंने जानकारी दी कि सैनी मुंबई थाना कांड संख्या 385/18 में यूपीआई के माध्यम से 1 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में एफआईआर दर्ज किया गया था। मामले को लेकर साइबर अपराधियों पर लगातार 5 दिनों तक कड़ी निगरानी रखी गयी। इसके बाद देवघर पुलिस व मुंबई से आई पुलिस टीम के द्वारा सोनारायठाढ़ी थाना क्षेत्र में संयुक्त रूप से छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान उक्त कांड में संलिप्त मुख्य नामजद अभियुक्त के साथ दो अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही उक्त संदर्भ में स्थानीय सदर थाना व साइबर थाना में भी गिरफ्तार किये गए अभियुक्तों के विरुद्ध कांड दर्ज की जा रही है।
इस कांड में संलिप्त गिरफ्तार अपराधियों में सोनारायठाढ़ी थाना का रहने वाला राजकुमार पिता जयनारायण मण्डल, मिलन कुमार सुंदरम पिता उमेश चन्द्र मण्डल और राजकुमार मण्डल पिता दामोदर मण्डल मुख्य रूप से शामिल है। इसके अलावे गिरफ्तार साइबर अपराधियों से मौके पर 15 मोबाईल फोन, बैंक के 4 पासबुक और 1 एटीएम कार्ड बरामद किया गया है। इस दौरान पुलिस अधीक्षक नरेंद्र कुमार सिंह टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के कार्यशैली की तारीफ करते हुए सभी को बधाई दी।
इस अलावे पुलिस अधीक्षक श्री नरेन्द्र कुमार सिंह ने आम जनमानस से अपील करते हुए कहा कि वर्तमान समय में इंटरनेट की लोकप्रियता और तकनीक बढ़ने के साथ साइबर क्राइम भी तेजी से अपना पैर पसार रहा है। कभी किसी का एटीएम कोड पूछकर पैसे उसके एकाउंट से निकाल लिए जाते है, या ऑनलाइन खरीदी कर ली जाती है, तो कभी किसी के ई-मेल, सोशल वेबसाइट का पासवर्ड हैक कर परेशान किया जाता है।
पिछले कुछ समय में ऑनलाइन फ्रॉड का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें खासे पढ़े-लिखे लोग भी चिकनी-चुपड़ी बातों में आकर ठगे जा रहे हैं। ऐसे में आवश्यक है कि यदि किसी व्यक्ति का काॅल आपके मोबाईल पर आये और वह व्यक्ति स्वयं को बैंक का प्रबंधक या कर्मी बतलाकर आपके खाता एवं एटीएम लाॅक होने, अपडेट कराने आदि की बात बोलकर आपके खाते से संबंधित गुप्त जानकारी यथा-आपका खाता संख्या, एटीएम कार्ड संख्या, पिन संख्या, सीबीसी संख्या, ओटीपी, आधार संख्या या पैन संख्या के बारे में जानकारी मांगता है तो ऐसे व्यक्तियों को अपने बैंक खाता से संबंधित उपरोक्त विवरणी की जानकारी न दें एवं इस प्रकार के फोन करने वाले व्यक्ति का मोबाईल नम्बर आदि की जानकारी अपने क्षेत्र के नजदीकी थाना प्रभारी अथवा 100 डायल कर पुलिस को अवश्य देंय ताकि वे सूचना प्राप्त कर इस पर त्वरित कार्रवाई कर सकें। बैंक द्वारा कभी भी आपको फोन कर उपरोक्त जानकारी नहीं पूछी जाती है।
साईबर अपराध पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस भी लगातार छापेमारी कर साईबर अपराधियों को गिरफ्तार कर रही है। साइबर अपराध से स्वयं भी बचें तथा अपने दोस्तों व रिश्तेदारों को भी इसकी जानकारी दे और दूसरों को भी जागरूक करने का प्रयास करें। इस दौरान उपरोक्त के अलावे साइबर डी.एस.पी सुश्री नेहा बाला, पुलिस कर्मी आदि उपस्थित थे।